कॉम्पिटीटीव् एक्जाम का दौर ख़त्म होने के बाद बात आती हे केम्पस इंटरविउ की.......देखा जाए तो यदि आपकी रेंक अच्छी खासी हे,,तो आप अपना मनचाहा विसय चुन कर उसमे करिएर बना सकते हो....बच्चो,,,यदि आपकी रेंक अनुचित है,,तो घबराइये नही...आप बाकी विसयों को चुन कर उसमे अव्वल आने का प्रयत्न करे.....इंजीनियरिंग के विसयों में से आजकल,,,कम्पुटर साईंस में काफी भीड़ लगी है...इसके अलावा मेकनिकल तथा सिविल भी काफी जोर पकड़ रिये हे.....ज़रूरी नही की केवल ये ३ विसय ही आपकी सफलता का रास्ता तय करे....बाकी विसयों में स्कोप भले ही कम हो,,,,किन्तु,,, आप अपनी महनत के बलबूते पर बाकी विसयों में कामयाबी हज़िल कर सकते हैं......जैसा की मैंने आपसे अपने पिछले ब्लॉग में सेयर करा था,,,की आप जिस किसी भी फिल्ड में हो,,,जरुरी नहीं के वो इंजिनीरिंग हो,,,आपको उस फिल्ड में अपने आप को साबित कर के दिखाना होता है,,,मेरा मानना है के आप भले ही कपडे की दूकान चलायें,,,लेकिन उसमे इतना अच्चा बिजनेस करें,,,की वो एक ब्रांड बन जाए,,,,फिर चाहे आप माडलिंग में करिएर बना ले..कोई बुराई नहीं है,,,,,,,बस ठान लीजिये के हम कोइसी भी फिल्ड में हो,,उसमे मास्टरी कर के दिखाए.....
इंजिनीरिंग के विसयों में से सबसे महत्वपूर्ण है इलेक्ट्रानिक इंजिनीरिंग,,,हलाकि काफी कम लोग इस विसय को लेते हैं...हमारी रोजमर्रा की चीजे जैसे--टीवी, फ्रीज,ऐ.सी,काम्पुटर,,,,इत्यादि...इलेक्ट्रानिक एन्जिनियेरस की देन हैं....मोबाइल ...आज की दुनिया अधूरी है मोबाइल के बिना,,,,हम देस-विदेस के कई भागो में मोबाइल द्वारा संपर्क साधते हैं,,,दोस्तों से गपसप करना हो,,,अपने दूरी रिस्तेदारों से घर बैठे बतिया सकते हैं....यही नही...इंटरनेट के जरिये चाटिंग भी कर सकते हैं...वो भी बड़ी आसानी से....वाकई में....इन्टरनेट और मोबाइल ने तो दुनिया में क्रान्ति ला दी है....किसी भी प्रकार की जानकारी इन्टरनेट से हाज़िल की जा सकती है,,,इतना ही नहीं....आप इन्टरनेट के जरिये नौकरी की भी तलाशी कर सकते हैं.....
अब देखे ज़रा,,की एलेक्ट्रानिक एवं आई.टी एन्जिनीर्स करते क्या हैं.....
काम्पुटर से जुड़े विसेसग्याओं का मानना हे की यदि आप इस फिल्ड में प्रोग्रामिंग के जरिये सॉफ्टवेर डिजाइन करने की अभिलासा हे...जिससे आपके सॉफ्टवेर की अप्प्लिकेसन को एक नया CONCEPTION मिले......प्रोगाम्मिंग लेंग्वेज के जरिये..आप एसा सॉफ्टवेर क्रिएट कर सकते हैं,,यदि आपने उसे अच्छी तरह से सिखा है..मिसाल के तौर पर..आप एसा डिवाइस बना के दिखा दे... जो इंसानी जींस को पहचान कर उस व्यक्ति का पूरा चरित्र ही बता दे...है न कमाल की बात....इंदौर के प्रख्यात कालेज एस.जी.एस.आई.टी.एस में यह प्रोजेक्ट जोरो पर चल रिया हे.....और जल्द ही आप ऐसे डिवाइस से परिचित हो पावेंगे.....
कहा जा रिया हे की..तीन वर्सों बाद वयेर-लेस कोम्मुनीकेसन इतना विस्तृत हो जावेगा की हमे गाँव में भी इन्टरनेट की सुविधा उपलब्ध हो जावेगी.....